ऐतहासिक दिन


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            ऐतहासिक दिन


   ( जम्मू कश्मीर हुआ आजाद ,धारा 370  एवं 35 ख़त्म )


 


 


नई दिल्ली। आज का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अंकों में दर्ज हो गया है। देश के अभिन्न राज्य जम्मू कश्मीर से धारा 370 व  35-ए  हटाने का बिल आज राज्य  सभा से पास हो गया। इन धारणाओं को हटाने की सिफारिश गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में की,


जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग राज्य बन गये हैं। राज्य पुर्नगठन बिल पास होने के साथ ही लद्दाख और जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और उनकी टीम को इसका श्रेय जाता है।  10 दिनों से जम्मू कश्मीर में भारी हलचल थी,तमाम यात्राएं रोकनी पड़ी, कई देशों ने अपने नागरिकों को वापस बुलाया,आज सुबह से धारा 144 लागू करने के बाद राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने ये सिफारिश रखी, पूरे देश भर् में इस ऐतिहासिक फैसले की वाह वाही हो रही है,हर किसी के जुबान से यही निकल रहा है मोदी है तो मुमकिन है,वहीँ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ फारुख अब्दुल्ला,गुलाम नबी आजाद,उमर अब्दुल्ला ,मुफ़्ती महबूबा बड़े भय की बात कर रहे थे,लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे थे,लेकिन सरकार ने पिछले 10 दिनों से पूरी तैयारी के साथ लगभग 38000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती के बाद आज ये महत्वपूर्ण सिफारिश रखी, आज जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की आत्मा बड़ी खुश होगी क्योंकि सर्वप्रथम डॉ मुखर्जी ने ही जम्मू कश्मीर में एक विधान, एक निशान,एक सँविधान की मांग की थी,उनके बलिदान के कारण ही जम्मू कश्मीर में परमिट सिस्टम खत्म हुआ,आज दिवंगत प्रधानमंत्री पँ अटल बिहारी वाजपेयी जी की आत्मा भी गदगद होगी कि जिस कश्मीर समस्या पर उन्होंने पूरी दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब किया था,आज उन्ही की पार्टी की सरकार उनके उत्तराधिकारी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों और पाक पर एक ही तीर से दो निशाने लगाये,विशेष राज्य धारा 370,और 35 ए के कारण ही अलगाववादी घाटी का माहौल बिगाड़ रहे थे,जितने आतँकी पाक से आते उन्हें अलगाववादी खूब सहायता करते थे,वो खाते यहाँ की और गाते पाक की है, इन सबकी दुकानें मोदी जी ने अब खत्म कर दी,अलगाववादियों की कमर तोड़ने में सरकार का ये फैसला सराहनीय है।


अब जम्मू कश्मीर के युवा इन अलगाववादियों की शरण से छूटकर मुख्य धारा से जुड़ पाएंगे,साथ ही पृथ्वी के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में देश के विभिन्न कोनो के लोग अपना व्यवसाय स्थाई रूप से कर सकते हैं।धारा 370 के चलते 356 की जो बाध्यता थी वो भी खत्म हो जायेगी यानि स्प्ष्ट है राज्य के अलग अलग भाग होने के बाद वहां जरूरत पड़ने पर गवर्नर शासन नही बल्कि राष्ट्रपति शासन लागू हो सकेगा।आजादी की 72वीं वर्षगाँठ से ठीक पूर्व मोदी सरकार द्वारा लिया गया ये फैसला भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा, इस कदम के पीछे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेनाध्यक्षो  की भी बड़ी भूमिका है।



 




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