दून में लगातार  बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या

दून में लगातार  बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या, प्रशासन उठाएगा ये कदम 


 


           


            (फोटो-: अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्वास्थ्य सचिव)


POSTED BY SEVA BHARAT TIMES ON 25/08/2019


देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। डेंगू के डंक को रोकने के प्रशासन के सारे इंतजाम फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं इसी बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने दून मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों की बैठक ली। 


बैठक में उन्होंने अस्पताल में नाकाफी इंतजामों पर नाराजगी जताई। उन्होंने मेडिकल अस्पताल प्रबंधन को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के आदेश दिए। दून मेडिकल कॉलेज के सभागार में कमरा बंद बैठक में सचिव झा ने कॉलेज प्रबंधन की खूब क्लास ली। उन्होंने अधिकारियों को कॉलेज में मरीजों के इलाज के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए। डेंगू के लिए नया वार्ड तैयार करने के निर्देश भी जारी किए। साथ ही डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए कॉलेज प्रबंधन को युद्धस्तर पर काम करने को कहा। उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज के छात्रों, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, आशा कर्मचारियों, एएनएम और एनएसएस के स्वयं सेवियों को घर-घर जाकर डेंगू लार्वा के सैंपल लेने और लोगों को इसके रोकथाम के लिए जागरूक करने के आदेश दिए। उन्होंने लोगों को अफवाह पर ध्यान नहीं देने की सलाह भी दी।


 



(फोटो-: अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्वास्थ्य सचिव)


सचिव ने डीएम को सभी स्कूलों में पूरी बांहों के यूनिफॉर्म की अनिवार्यता कराने और जल भराव वाले स्कूलों की मरम्मत कराने के आदेश भी जारी किए। दून में हो रही दूषित पानी की सप्लाई और इससे टायफाइड मरीजों की संख्या बढ़ने पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडेय ने चिंता जताई। उन्होंने डीएम को जल संस्थान को सही गुणवत्ता वाले पानी की आपूर्ति के इंतजाम करने के आदेश भी दिए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि सचिव के आदेशों के बाद दून मेडिकल कॉलेज में 21 बेड का वार्ड तैयार करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। बैठक में प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पांडेय, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडेय, निदेशक डॉ. अमिता उप्रेती, डॉ. अंजलि नौटियाल, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता, कोरोनेशन अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला, नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी, डॉ. मीनाक्षी जोशी, डॉ. अर्जुन सेंगर आदि भी उपस्थित रहे।
लार्वा मिला तो भवन मालिक और दफ्तरों का चालान होगा
सचिव नितेश झा ने डीएम एस रवि शंकर और वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी को दून के सभी इलाकों और दफ्तरों में डेंगू के मच्छर और लार्वा के सैंपल लेने के आदेश दिए। जिन जगहों पर डेंगू के मच्छर या लार्वा पाए जाते हैं, ऐसे भवन मालिकों और कार्यालय मुखिया व अध्यक्षों के चालान करने के आदेश भी दिए।
 
सचिव नितेश झा ने निजी अस्पतालों के लिए भी सख्त निर्देश जारी किए। कहा कि निजी अस्पताल लोगों में प्लेटलेट्स को लेकर भ्रम न फैलाएं। अगर कोई अस्पताल मानकों के विपरीत मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने फिजिसियन डॉ. केसी पंत को नोडल अधिकारी बनाते हुए उन्होंने निजी अस्पतालों को परीक्षण के बाद ही प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने के आदेश दिए।


दून मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सा सचिव नितेश झा ने 20 संविदा कर्मचारियों के भर्ती के आदेश दिए हैं। इसके तहत 10 स्टाफ नर्स और 10 वार्ड ब्वाय भर्ती किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य पर इसकी जिम्मेदारी होगी। हालांकि, इसके लिए अभी लिखित आदेश जारी नहीं हुए हैं। इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को भी डेंगू के इलाज में मदद ली जाएगी।


प्रभारी सचिव और डीएम ने किया अस्पताल का निरीक्षण
सचिव चिकित्सा की बैठक के  बाद प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पांडेय और डीएम एस रविशंकर ने दून अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने कई वार्डों में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दोनों ने आपदा प्रभावितों के लिए बनाए गए वार्ड का जायजा भी लिया। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को मरीजों की देखभाल में कोताही न बरतने के आदेश दिए।


स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरत के अनुसार बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। राजकीय कोरोनेशन अस्पताल व सीएचसी रायपुर में भी जल्द ब्लड सैंपल की एलाइजा जांच सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि डेंगू मरीजों की नियमित रिपोर्टिंग स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष व सीएमओ कार्यालय को प्रतिदिन भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडेय को दी है। ब्लड बैंक के राज्य प्रभारी डॉ. अर्जुन सैंगर ने बताया कि प्लेटलेट्स सामान्य परिस्थितियों में पांच-छह दिनों तक मरीज को चढ़ाया जा सकता है।


 


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