काल बना ट्रक l
काल बना ट्रक l
स्कूटी सवार मां-बेटे को रौंदा;मौके पर ही मौत,
पति घायल l
सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो
सितारगंज (उत्तराखंड)। आबादी क्षेत्र में असमय भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक के बावजूद उनका धड़ल्ले से घूमना आम बात हो गई है। प्रदेश में शायद ही ऐसी कोई जगह हो जहाँ यमदूत रूपी इन ट्रकों का बे-समय शहरों में प्रवेश न होता हो। हालत यह है कि नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले इन भारी वाहनों के शहरों में असमय प्रवेश को लेकर शासन और प्रशासन भी लाचार दिखाई दे रहा है। लगातार होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से सबक लेने के बजाय प्रशासन की निष्क्रियता के चलते आम आदमी का सड़कों पर चलना मुहाल हो गया है।
प्रशासन की इसी लापरवाही का खामियाजा आज सितारगंज निवासी एक मां-बेटे को अपनी जान देकर भुगतान पड़ा।
आज एक ट्रक ने सिसौना के पास पुरानी पुलिस चौकी के समीप स्कूटी सवार मां—बेटे को रौंद दिया। जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि स्कूटी चला रहा संपूर्णानंद शिविर खुली जेल का कर्मी घायल हो गया। पुलिस शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेजने की तैयारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार संपूर्णानंद शिविर खुली जेल का कर्मी विकास शुक्ला अपनी पत्नी रानू शुक्ला (32) व पुत्र रुद्रा (3) के सााथ स्कूटी से शहर की तरफ आ रहा था। वह सिसौना के पास पुरानी पुलिस चौकी के समीप पहुंचा ही था कि ट्रक संख्या यूपी 25 सीटी/0874 ने स्कूटी पर पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में विकास तो छिटक गया लेकिन रानू व रुद्रा को ट्रक ने कुचल दिया। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक फरार हो गया। सूचना पर मौके पर पहुुंची पुलिस शवों को सीएचसी लाई। वहां विकास का भी उपचार किया गया। उसे हल्की चोटें हैं। सीओ हिमांशु शाह ने भी अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी ली। बताया जाता है कि विकास मूल रूप से फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं। उनका रो रोकर बुरा हाल है।