सिर्फ 10 मिनट ऊँगली को दबायें फिर देखें ये 13 चमत्कारी फायदे

                                                                           सिर्फ 10 मिनट दबायें ऊँगली को


                                                         फिर देखें ये 13 चमत्कारी फायदे 


                               


 


सूर्य मुद्रा को दिन में दो बार 15 मिनट करने से कोलेस्ट्राल घटता है l 


योग के अंतर्गत हस्त मुद्रा का बहुत महत्व है| हस्त मुद्रा को कई लोग हस्त योगा के नाम से भी जानते है| आप शायद नहीं जानते होंगे लेकिन योग और प्राणायाम की तरह इन हस्त मुद्राओ को करने के भी कई लाभ है| इसे करने से ना केवल शारारिक बल्कि मानसिक लाभ भी मिलते है| इन मुद्राओ का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक लाभ पाया जा सकता है|
 हमारा शरीर इन पञ्च तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना हुआ हैं। जब भी शरीर में इन तत्वों का असंतुलन होता है तो शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं 
यदि आप इन पांच तत्वों का संतुलन कर ले तो आपको किसी तरह का रोग नहीं होगा| और यदि आपको किसी तरह की बीमारी हो भी तो हस्त योग मुद्राओ के चलते आप इन्हे फिर से संतुलित कर सकते है, और आरोग्यता को वापिस पा सकते ह सूर्य मुद्रा| सूर्य मुद्रा को कई लोग अग्नि मुद्रा के नाम से भी जानते है| जो लोग मोटापा और मधुमेह जैसी समस्याओ से ग्रसित है उनके लिए यह योग मुद्रा बेहद ही फायदेमंद है|


सूर्य मुद्रा करने की विधि:-
सूर्य मुद्रा करने के लिए सबसे पहले तो सिद्धासन,पदमासन या सुखासन में बैठ जाएँ ।
अब दोनों हाँथ घुटनों पर रख लें और हथेलियाँ उपर की तरफ रहें|
अब सबसे पहले अनामिका उंगली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगा लें एवं उपर से अंगूठे से दबा लें|
अनामिका उंगली आपकी रिंग फिंगर को कहा जाता है|
इस वक्त आपकी बाकी बची हुई तीनों उंगलियों को बिल्कुल सीधी रहने दे|
इस तरह बनने वाली मुद्रा को अग्नि / सूर्य मुद्रा कहते है|
सूर्य मुद्रा को करने के लाभ
सूर्य मुद्रा को दिन में दो बार 15 मिनट करने से कोलेस्ट्राल घटता है|
शरीर की सूजन दूर करने में भी यह मुद्रा लाभप्रद है|
अग्नि मुद्रा को करने से शरीर में ताकत पैदा होती है। इसे करने से पेट के रोग नष्ट हो जाते हैं|
इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव दूर होता है और भय, शोक खत्म हो जाते है|
इस मुद्रा का आध्यात्मिक लाभ भी है| इसे करने से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जाग्रत होता है| मोटापे से पीड़ित व्यक्तिओ को वजन कम करने के लिए इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए|
प्रसव के बाद जिन स्त्रियों का मोटापा बढ़ जाता है उनके लिए सूर्य मुद्रा बेहद फायदेमंद है| इसके अभ्यास से प्रसव उपरांत का मोटापा नष्ट होकर शरीर पहले जैसा बन जाता है|
इस मुद्रा के अभ्यास से पाचन प्रणाली ठीक होती है किन्तु यदि आपको एसिडिटी और अम्लपित्त की तकलीफ है तो यह मुद्रा ना करे|


               



इस मुर्दा के रोजाना अभ्यास से पूरे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और गर्मी पैदा होती है। दरहसल अनामिका अंगुली पृथ्वी एवं अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इन तत्वों के मिलन से शरीर में तुरंत उर्जा उत्पन्न हो जाती है|
सूर्य मुद्रा करने का समय व अवधि
प्रातः सूर्योदय के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य मुद्रा को करना अधिक फायदेमंद होता है| इसके अतरिक्त इसे सांयकाल सूर्यास्त से पहले भी कर सकते हैं |
इस मुद्रा का अभ्यास शुरुवात में 8 मिनट से प्रारंभ करके 24 मिनट तक किया जा सकता है|
गर्मी के दिनों में इस मुद्रा को लगभग 8 मिनट तक ही करना चाहिए इसको ज्यादा देर तक करने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। सर्दियों में सूर्य मुद्रा को ज्यादा से ज्यादा याने की 24 मिनट तक किया जा सकता है।
सूर्य मुद्रा में बरती जाने वाली सावधानियां
यदि आपका शरीर बहुत अधिक कमजोर है तो आपको सूर्य मुद्रा नही करनी चाहिए|
सूर्य मुद्रा करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है इसलिए गर्मियों में इस मुद्रा करने से पहले एक गिलास पानी पी लेना चाहिए।


 



    रमन भट्नागर 


 


 


 


 


 


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