उत्तराखंड में गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे समेत तीन दर्जन से ज्यादा सड़कें बाधित

उत्तराखंड में गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे समेत तीन दर्जन से ज्यादा सड़कें बाधित l


आपदा के कारण कटा हुआ मार्ग



posted by seva bharath times on 19/08 /2019 


उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे सहित तीन दर्जन से अधिक मोटर मार्ग बाधित हो गए हैं। सड़क निर्माण से जुड़े विभाग अवरुद्ध सड़कों पर यातायात बहाली के प्रयास में जुटे हैं। प्रशासन ने जल्द ही सभी सड़कों को खोलने का दावा किया है।



बता दें कि, शनिवार और रविवार को उत्तरकाशी जनपद के तमाम क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन और भूधंसाव होने के साथ ही गाड़-गदेरे उफान पर आ गए हैं, जिसके चलते अधिकांश क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।


आलम यह है कि हर्षिल के निकट स्थित तिलगाड़ में उफान आने के कारण यहां गंगोत्री हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। गंगनानी के पास भी गंगोत्री हाईवे भूस्खलन से अवरुद्ध है, जबकि यमुनोत्री हाईवे सोमवार सुबह से हनुमानचट्टी के पास हुए भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है। ओजरी डबरकोट वाले हिस्से में भी जोखिम के साथ यातायात चल रहा है। यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने से तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


इसके अलावा हुल्डियाणा, पुजारगांव, डांडा-माजफ, दिलसौड़-चामकोट, देवीधार-रनाड़ी, थाती-धारकोट, ज्ञानसू-साल्ड, कमद-अयारखाल, जुणगा-तराकोट, बड़ेथी-कंवा, मनेरा बाईपास, धरासू-जोगत, भड़कोट-पुजार गांव, कैंथोगी, टिकोची-सिरतोली, बरनाली-माकुड़ी, आराकोट-चिंवा, बरनाली-मोराड़ी, चिंवा-मोंडा, आराकोट-नकोट, खूनीगाड़-सरांस, नैटवाड़-सेवा, मनेरी-जखोल, गंगोरी-डोडीताल, नाकुरी-सिंगोट, धौंतरी-सिरी, बंदरकोट-पंजियाला, खालसी, गढ़वालगाड़, दणमाणगांव-पासा पोखरी तथा खालसी-बिंगसारी आदि मोटर मार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन से अवरुद्ध पड़े हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रमुख मोटर मार्ग अवरुद्ध होने से अलग-थलग पड़े क्षेत्र के ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 


वहीं उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के निकटवर्ती दिलसौड़ गांव को जोड़ने वाली सड़क का बड़ा हिस्सा भूस्खलन से तबाह हो गया है। ऐसे में ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र सड़क दुरुस्त कराने की मांग की है।


जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित दिलसौड़ गांव को मनेरा से जोड़ने वाली सड़क का बड़ा हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने से तबाह हो गया है। इस हिस्से में नीचे उफनती गंगा भागीरथी और ऊपर से भूस्खलन के चलते पैदल आवाजाही लायक स्थिति भी नहीं है। ऐसे में ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। दिलसौड़ गांव के प्रधान विजयपाल महर ने बताया कि सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


गांव में नौकरीपेशा लोग और स्कूली बच्चे रोजाना गांव से ही आवाजाही करते थे। अब रास्ता नहीं होने के कारण वे अपने काम पर और स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। गांव में बीमार एवं बुजुर्गों के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना देकर शीघ्र सड़क दुरुस्त कराने और सुरक्षित आवाजाही के इंतजाम करने की मांग की है।



उधर दो दिनों से लामबगड़ में बंद बदरीनाथ हाईवे सोमवार को मात्र दो घंटे तक सुचारु रहने के बाद फिर से मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया। हाईवे खुलने पर पुलिस ने बदरीनाथ में रोके गए लगभग 800 तीर्थयात्रियों और वाहनों को उनके गंतव्य को भेज दिया है। कंचनगंगा में बीआरओ ने मलबा हटाकर हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया है।    


शनिवार को बोल्डर और मलबा आने से शाम सात बजे लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया था। जबकि कंचनगंगा में आए मलबे से करीब 25 मीटर तक हाईवे बह गया था। रविवार को दिनभर बारिश होने के कारण लामबगड़ और कंचनगंगा में हाईवे सुचारु नहीं हो पाया। सोमवार को मौसम सामान्य होने पर बीआरओ ने दो जेसीबी मशीनों के जरिए कंचनगंगा गदेरे में मलबे को हटाकर वाहनों के जाने लायक सड़क बना ली।


जिसके बाद बदरीनाथ में रोके गए तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य को भेजा गया। वहीं, लामबगड़ में सुबह नौ बजे मलबा और बोल्डर हटाने के बाद यात्रा वाहनों की आवाजाही सुचारु की गई। ग्यारह बजे फिर से लामबगड़ चट्टान से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर हाईवे पर आने से दोबारा अवरुद्ध हो गया था। शाम तक भी हाईवे को सुचारु नहीं किया जा सका था। जोशीमठ के एसडीएम अनिल चन्याल का कहना है कि हाईवे को सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 


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