बिजली चोरी की सूचना देने वाले को 50,000 रुपये का इनाम

                                    


बिजली चोरी रोकने के लिए उत्तराखण्ड सरकार की नई पहल 


बिजली चोरी से संबंधित सूचना विभाग को देने वाले को 50,000 रुपये का इनाम


सूचना देने वाले की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी



( फोटो :- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत )


सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो 


देहरादून। उत्तराखण्ड में अब बिजली चोरी रोकने के लिए राज्य सरकार उर्जागिरी करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज अपने आवास पर जनता मिलन हॉल में इस अभियान की शुरूआत की। 
बिजली चोरियों की लगातार बढ़ रही घटनाओं को रोकने के लिए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन ने गांधीगिरी से प्रेरणा लेकर ऊर्जागिरी का एक नायाब फार्मुला निकाला है। अब उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन के कर्मचारी बिजली चोरी को रोकने के लिए ऊर्जागिरी करते हुए जनता के बीच जा कर बिजली चोरी न करने को लेकर प्रचार-प्रसार के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाएंगे।साथ ही बिजली चोरी से संबंधित सूचना विभाग को देने वाले को 50,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा और सूचना देने वाले की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी।बता दें कि यूपीसीएल का लक्ष्य ऊर्जा गिरी से लाइन लॉस को 13% तक कम करने का है। 


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम आवास स्थित जनता मिलन हॉल में ऊर्जा गिरी अभियान का शुभारम्भ करते हुए कहा कि जन जागरूकता के लिए एक अभियान के रूप में इसकी अच्छी शुरूआत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद राज्य में एटीएण्डसी लॉसेस 52.98 प्रतिशत से घटकर 16.52 के स्तर लाए गए हैं और डिस्ट्रीब्यूशन लॉसेस 29.52 प्रतिशत से घटकर 14.32 पर लाए गए हैं जो संतोषजनक है। उन्होंने इसे 13 प्रतिशत तक लाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने विद्युत चोरी पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये यूपीसीएल विजिलेंस सेल को मजबूत करने के भी निर्देश दिए। यूपीसीएल में मुख्य अभियन्ता से अवर अभियन्ता तक सभी को विद्युत संयोजनों की मासिक चेकिंग के लक्ष्य निर्धारित किये जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने राज्य की आवश्यकता के अनुरूप बाजार से महंगी बिजली खरीद कर राज्य की जनता तथा उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के प्रयासों की भी सराहना की।


ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि प्रदेश में बिजली चोरी की सूचना देने वाले को 50000 रुपये तक का इनाम देने का प्रावधान किया गया है। उन्होने कहा कि सबके सहयोग से बिजली चोरी और लीकेज में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने तथा लाइन लास को कम करने के लिए विभाग की विजिलेंस टीम नियमित रेड कर रही है तथा दोषी व्यक्तियों पर विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत पुलिस थानों और स्पेशल न्यायालय में केस रजिस्टर करवाए जा रहे हैं। 
यूपीसीएल को पिछले साल 553 करोड़ रुपये के घाटे पर स्थिति स्पष्ट करते हुए ऊर्जा सचिव ने बताया कि यह घाटा वास्तव में नियामक आयोग द्वारा तय की गई विद्युत दरों के अनुपात में केन्द्र सरकार की परियोजनाओं और एक्सचेंज में बढ़ी बिजली दरों की वजह से हुआ है और यह यूपीसीएल को मिलेगा।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक वीसीके मिश्रा ने इस संबंध में विभागीय स्तर पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होने   बताया कि ऊर्जागिरी का यह नया तरीका बिजली चोरी रोकने में कारगर साबित होगा।


 


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