झोले के उपयोग


झोले के उपयोग से रुकेंगे प्लास्टिक थैले वृक्षमित्र डॉ सोनी।



(फोटो :- वृक्षमित्र डॉ.त्रिलोक चंद्र सोनी  छात्र-छात्राओं को झोले की उपयोगिता के बारे में बताते हुए )


सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो 


टिहरी l प्लास्टिक की सामग्री रोकने को शहरों में बड़े-बड़े अभियान चल रहे हैं वही ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कल के समाज बनाने वाले नौनिहालों को जागरुक व प्रेरित किया जा रहा है। राजकीय इण्टर कालेज मरोड़ा (सकलाना) में कार्यरत पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ.त्रिलोक चंद्र सोनी ने छात्र-छात्राओं को झोले की उपयोगिता के बारे में बताया, उन्होंने इस गांधी जयंती पर छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक के बैग, थैले के बदले कपड़े के झोले का उपयोग करने की अपील की।



डॉ सोनी ने कहा हमारे पूर्वज इसी झोले के प्रयोग किया करते थे तभी तो हमारे घर, गांव, शहर में प्लास्टिक नहीं मिलता था आज का आदमी झोले का इस्तेमाल करने में शरमा रहा है जिसके कारण प्लास्टिक को बढ़ावा मिल रहा है। हमें प्लास्टिक के थैले, बैग को रोकना है तो झोले का उपयोग करना होगा तभी  प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। कहा झोला तो हमारे पूर्वजों की विरासत है जो अब स्मृतियां ही रह गई हैं।


वृक्षमित्र डॉ सोनी ने कहा मैं जहां भी जाता हूं झोला ले जाता हूं इस झोले के कारण लोग व बच्चे मुझे झोलेवाला गुरुजी कह देते हैं। इस धरती को प्लास्टिक मुक्त के लिए हमें झोले का उपयोग करने का संकल्प लेना होगा तभी घर गांव के साथ उत्तराखंड व भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में महेश नेगी, प्रवीण, यशपाल नेगी, वीर सिंह, अमन नेगी, सतेंद्र, पूजा, कृष्णा, सुरजा, पायल, भारती सरिता, प्रियंका व अन्य थे।


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