नैनीताल की खूबसूरती मे चारचांद
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नैनीताल की खूबसूरती मे चारचांद लगाने वाली नैनीझील शहर की पेयजल आपूर्ति मे भी लम्बे समय से अपना योगदान दे रही है।
सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो
नैनीताल 13 अक्टूबर 2019 (सूचना) - पर्यटन नगरी नैनीताल की खूबसूरती मे चारचांद लगाने वाली नैनीझील पर्यटकांे के आकर्षण का केन्द्र रही है इसके साथ ही नैनीझील शहर की पेयजल आपूर्ति मे भी लम्बे समय से अपना योगदान दे रही है। बदलते दौर मे नैनीझील के पुनर्जीवीकरण की दिशा में युवा जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने विशेष पहल की है जिसके सुखद परिणाम निकट भविष्य में परिलक्षित होंगे। झील के पुनर्जीवीकरण कार्य में जिला प्रशासन ने अभिनव डिजिटल पहल की कार्य योजना तैयार कर ली गई है।
जिलाधिकारी श्री बंसल के मुताबिक नैनीझील उत्तराखण्ड के जनपद नैनीताल मुख्यालय मे स्थित है। नैनीझील पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। नैनीझील के पानी की निकासी हेतु ब्रिटिश शासन मे तल्लीताल पोस्ट आफिस के पास स्थानीय नाम डांठ का निर्माण किया गया था। गेटों पर रेगुलेशन मानसून काल में झील का स्तर बढने पर पानी की निकासी के लिए स्थापित मैकैनिकल व्हील के माध्यम से कार्मिकों द्वारा गेटों को उठाकर अथवा गिराकर किया जाता हैै। श्री बंसल ने बताया कि वर्तमान मे यह गेट काफी पुराने हो जाने के कारण इनके रेगुलेशन मे कठिनाई उत्पन्न हो रही थी। यदि झील के पानी की निकासी मे कठिनाई उत्पन्न होगी तो झील का पानी झील के उच्चतम जलस्तर में पहुच जाने के पश्चात सडक पर आ जायेगा जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होने बताया झील के पानी की निकासी हेतु स्थापित गेटो के संचालन मे आ रही समस्या के निदान हेतु इनका मरम्मत किया जाना अति आवश्यक था। ब्रिटिशकालीन शासनकाल मे स्थापित इन गेटों मे वर्षाकाल के दौरान इनके रेगुलेशन मे उत्पन्न होने वाली समस्याओं का उपचार पूर्व में अपस्ट्रीम मे जाकर कर लिया जाता था। परन्तु वर्तमान मे इन गेटों के अपस्ट्रीम मे कवरिंग/निर्माण हो जाने से यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसका निदान करने मे खासी परेशानियों का सामना करना पड रहा था। जुलाई प्रथम सप्ताह में सिचाई महकमे के साथ नैनीताल मे स्थित नालों झील के जलस्तर नियंत्रण तथा डिस्चार्ज सम्बन्धित प्रक्रियों की समीक्षा हुई जिसके तहत नैनीझील के किनारे नये गेटों का प्रस्ताव तैयार कर धनराशि उपलब्ध कराने के लिए श्री बंसल द्वारा शासन को भेजा गया था।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने जानकारी देते हुये बताया कि नैनीझील में स्काॅडा सिस्टम से लेक ब्रिज के अपस्ट्रीम मे नये गेटों के निर्माण एवं पुराने गेटों के मरम्मत के लिए शासन द्वारा 78.05 लाख की स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होने बताया कि स्काॅडा प्रणाली वास्तविक समय मे आंकणों एवं सूचनाओ के आधार पर पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण हेतु एक कम्प्यूटरीकृत एक स्वचालित प्रणाली है। उन्होने बताया कि इस प्रणाली युक्त गेटों के स्थापित हो जाने से नैनीझील के गेटों का संचालन तकनीकी दक्षता के साथ किया जा सकेगा तथा झील के जलस्तर तथा डिस्चार्ज सम्बन्धित आंकणों को भी प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होने कहा कि वर्तमान मे शासन स्तर से 78.05 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है निविदा प्रक्रिया गतिमान है। यह महत्वपूर्ण तकनीकी कार्य सिचाई विभाग की यांत्रिकी शाखा रूडकी द्वारा कराया जा रहा है। झील के नये गेटो के निर्माण का कार्य झील का स्तर सिल लेविल से नीचे आ जाने के उपरान्त कराया जायेगा।
झील मे आने वाले शहर के नालों की निगरानी के लिए सीसी टीवी कैमरे स्थापित किये जायेेंगे इसके लिए 15 लाख की धनराशि जिलाधिकारी श्री बंसल द्वारा अपने विवेकाधीन कोष से जारी किये है। उन्होने बताया कि ब्रिटिशकाल मे हिल साइड सेफ्टी हेतु निर्मित नाले नैनीताल झील की लाइफलाइन के रूप मे स्थापित नालों के माध्यम से ही आसपास की पहाडियों तथा पानी सुरक्षित रूप से झील मे प्रवाहित होता है तथा झील के रिचार्ज होने से वर्षभर नगर की पेयजल आपूर्ति सुचारू रखी जाती हैै। इन नालों मे घरेलु कूडा-कचरा, भवन सामग्री को लोगों द्वारा प्रभावित करने हेतु फेंका जाता है जिससे नालों मे होने वाले प्रवाह मे अवरोध उत्पन्न होता है झील प्रदूषित होती है तथा इसकी संवाहक क्षमता के कुप्रभाव पडता है। ऐेसे में इन अपशिष्टों को रोकने के लिए सीसी कैमरो के माध्यम से निगरानी आवश्यक हो गई है। उन्होने बताया कि नाला नम्बर-01, 20,21 तथा 23 में सीसी टीवी केैमरे लगाये जायेगे।इसके साथ ही नैनीदेवी मन्दिर के समीप बोट हाउस क्लब मल्लीताल तथा महात्मा गांधी मूर्ति तल्लीताल मे भी कैमरे लगाये जायेंगे। यह कैमरे दिन रात ऐसे लोगो की निगरानी करेगे जो नालों मे चोरी छुपे कूड़ा कचरा गन्दगी डालने का काम करते है। निरंतर सत्त आॅनलाइन अनुश्रवण हेतु कलेक्ट्रेट स्थित जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र तथा सिचाई खण्ड नैनीताल मे नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जायेगेे जो कि कैमरों की रिकार्डिग की सत्त मानिटरिंग करेंगे।
नोट- अटैच फोटो जिलाधिकारी द्वारा पूर्व मे किये गये निरीक्षण से सम्बन्धित है।