कॉल करना ,और डाटा महंगा होगा अब :जानें

कॉल करना ,और डाटा महंगा होगा अब 


एयरटेल, जियो और वोडाफोन,आइडिया ने किया बढ़ोतरी का ऐलान l 



एजेंसी 


नई दिल्ली। एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया ने अगले महीन से अपने टैरिफ में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है।
भारत में फिलहाल दूसरे देशों के मुकाबले सबसे सस्ता डेटा है। रिलायंस जियो के आने के बाद डेटा रेट में तेजी से गिरावट हुई और अब डेटा काफी सस्ता हो चुका है। लेकिन रिलायंस जियो के इंडस्ट्री में आने के बाद सिर्फ डेटा और कॉलिंग सस्ते हुए, ऐसा नहीं है बल्कि दूसरी टेलीकॉम कंपनियों का बुरा दौरा भी शुरू हो गया।एयरसेल, टेलीनॉर, आर कॉम जैसी कंपनियां खत्म हो गईं, जबकि आइडिया और वोडाफोन का मर्जर हो गया। अब ये भी खबर आ रही है कि वोडाफोन भारत से अपना बिजनेस समेट सकती है। एयरटेल के भी कस्टमर्स गिरे हैं। लेकिन अब सस्ता डेटा महंगा होने वाला है।


एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जियो-इन तीनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने दिसंबर से अपने सभी टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इनमें प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ही यूजर्स होंगे। हालांकि अब तक इन कंपनियों ने नए प्लान्स जारी नहीं किए हैं।
खास बात ये है कि अब कॉलिंग के साथ साथ डेटा भी महंगा होगा। वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है। इतना ही नहीं सितंबर महीने में कंपनी के 25.7 लाख कस्टमर्स कम हो गए हैं।एक्स्पर्ट्स का मानना है कि लगातार हो रहे घाटे की वजह से कंपनियां तेजी से अपने टैरिफ की कीमतें बढ़ाएंगी। हालांकि इन तीनों कंपनियों ने टैरिफ रेट बढ़ाने के पीछे जो वजह बताई है वो एजीआर है।


94 हजार करोड़ रुपये की रकम सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को बतौर एजीआर सरकार को चुकाना है। इस राशि में आधे से ज्यादा वोडाफोन आइडिया के हिस्से में आता है।हाल ही मेंरिलायंस जियो ने आईयूसी का हवाला देते हुए नॉन जियो कॉलिंग पर पैसे लेने का ऐलान किया है। इसके लिए कंपनी ने नए पैक्स लॉन्च कर दिए हैं। इसके पीछे रिलायंस जियो ने ये तर्क दिया कि ट्रई ने कहा था कि आईयूसी चार्ज को खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है।आईयूसी को लेकर एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की राय रिलायसं जियो से बिल्कुल अलग है। इन दोनों कंपनियों ने कहा है कि ट्रई जो आईयूसी चार्ज लेती है वो अब भी इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से कम है।


इन कंपनियों का कहना है कि इस वजह से भी टेलीकॉम इंडस्ट्री की हालत इस वक्त खस्ता हो रही है। कुल मिलाकर इन कंपनियों का ये कहना है कि आईयूसी चार्ज और बढ़ाना चाहिए ताकि इस इंडस्ट्री को रिवाइव किया जा सके।बीसएनएल की बात करें तो इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी की हालत बद से बदतर होती जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसएनल को बेचने की तैयारी चल रही है। कर्मचारियों की छटनी काफी पहले से शुरू हो चुकी है। सरकार अगर 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाती है तो शायद बीएसएनल के 1 लाख कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पेंडिंग पेमेंट की वजह से पूरे सिस्टम पर असर पड़ रहा है।1 दिसंबर से भारत की सभी टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ रेट रिवाइज होंगे। इसमें कॉलिंग से लेकर डेटा तक महंगे किए जाएंगे।


हालांकि एक बार में कंपनियां कस्टमर्स को ज्यादा बड़ा बोझ नहीं देंगी, लेकिन टेलीकॉम सेक्टर में जिस तरह की क्राइसिस चल रही है इससे लगता है कि आने वाले समय में फिर से कंपनियां टैरिफ रेट बढ़ा सकती हैं। आसान शब्दों में कहें तो अब रिवाइवल के लिए कंपनियां सरकार से उम्मीद लगा कर बैठी हैं। टेलीकॉम कंपनियों और सरकार के बीच एजीआर को लेकर जो बातचीत चल रही थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हित में फैसला लेते हुए कंपनियों को एजीआर चुकाने का आदेश दिया है जो 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है।


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