राष्ट्रपति शासन लग सकता है महाराष्ट्र में l


महाराष्ट्र में राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश



एजेंसी 


नई दिल्ली। सूत्रों की मानें तो मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। कैबिनेट की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया गया है।ब्रिक्स यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। इसके बाद मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। कैबिनेट की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया गया है।


इससे पहले महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र और कानूनविदों से हालात पर कानूनी सलाह ली। इस सलाह के बाद राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। इस सिफारिश के विरोध में शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। कल इस मामले में सुनवाई होगी।सूत्रों के हवाले से खबर है कि एनसीपी ने आज सुबह 11:30 बजे राज्यपाल को एक खत लिखा था, जिसमें दो दिन का समय मांगा था। राज्यपाल ने एनसीपी के पत्र को आधार बना कर गृहमंत्रालय से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश की।


इससे पहले जब शिवसेना ने भी राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए दो दिन का और वक्त मांगा था, तो उसे भी अस्वीकार कर दिया गया था। इसी आधार पर राज्यपाल ने एनसीपी की मांग को अस्वीकार करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्र सरकार को कर सिफ़ारिश कर दी।भाजपा के 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी विधायक संख्या वाली पार्टी होने के बावजूद सरकार गठन में असमर्थता जाहिर करन के बाद शनिवार से सियासी पारा गर्म है। रविवार को राज्यपाल ने 56 विधायकों के साथ शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन, पार्टी कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन के पत्र उपलब्ध नहीं करा सकी, भले ही इसने 'सैद्धांतिक रूप में' उनसे समर्थन का दावा भी किया।


शिवसेना ने राज्यपाल से और समय मांगा, जिन्होंने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद, सोमवार देर रात, राज्यपाल ने सरकार बनाने प्रयास करने के लिए 54 विधायकों के साथ तीसरे सबसे बड़े दल एनसीपी को आमंत्रित किया।
महाराष्‍ट्र के सियासी हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11वें ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए ब्राजील के लिए रवाना हो गए। इस समिट का विषय ''अभिनव भविष्य के लिए आर्थिक वृद्धि'' है। इस समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी अलग से मुलाकात करेंगे।


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