सर्दी के मौसम में रखें अपनी सेहत का खास ख्याल
सर्दी के मौसम में ऐसे रखें अपनी सेहत का खास ख्याल
(फोटो :- प्रतिकात्मक चित्र)
सर्दी के मौसम की दस्तक हो चुकी है, सर्दी अपने साथ तरह-तरह की बीमारियों को भी ला रही है।सर्दी का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। बच्चों में जहां खांसी, जुकाम, निमोनिया व बुखार होने का खतरा रहता है, वहीं बुजुर्गों को अस्थमा व सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। कुछ विशेष सावधानियों के जरिए सर्दी के मौसम में होने वाली समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है। आइये जानते हैं कुछ उपायों के बारे में।
संक्रमण का खतरा बदलते मौसम में बीमारियां फैलाने वाले इंफ्लुएंजा वायरस व बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं, जिनसे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। ये गंदगी के कारण या बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।
सावधानी भी जरूरी खाने-पीने से पहले अच्छी तरह हाथ धोएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें। छींकते और खांसते वक्त रुमाल का प्रयोग करें। बच्चों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
तेज बुखार में डॉक्टर को दिखाएं अगर साधारण सर्दी लगी हो तो वह खुद-ब-खुद 4-5 दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन सिरदर्द, बदनदर्द व बुखार होने पर एंटिबायोटिक दवाइयां जैसे पेरासिटामोल या कोई पेनकिलर ली जा सकती है। अस्थमा व सांस के रोगी इस दौरान इन्हेलर या पंप का प्रयोग करें। फिर भी तबीयत में सुधार न हो और बुखार लगातार बना रहे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
गले की खिच-खिच व बंद नाक गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से गले का दर्द ठीक होता है। नाक बंद होने पर गर्म पानी में विक्स डालकर भाप लें। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीएं। धूप से आने के बाद ठंडा पानी ना पीएं। खांसी, जुकाम या बुखार में हल्का गर्म पानी पीएं। बच्चों को चिल्ड वाटर और आइसक्रीम न खाने दें।
पहनावे पर ध्यान एकदम स्वेटर न उतारें। कॉटन, आईलेट और ट्रॉपिकल वूल फैब्रिक से बने कपड़े पहनें। दोपहर में अगर धूप सेकनी हो तो हल्के ऊनी कपड़े जैसे क्रोशिया से बने स्वेटर पहनें। दोपहर के बजाय सुबह 8 से 11 बजे की धूप ज्यादा लें, क्योंकि इस समय सूर्य की रोशनी में मौजूद अल्ट्रावॉयलेट किरणें शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती और शरीर को विटामिन डी मिलने से हड्डियां मजबूत होती हैं।