फास्टैग क्या है :जाने

फास्टैग क्या है और ये काम कैसे करता है 



एजेंसी


टोल प्लाजाओं पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होनेवाले जाम का हल निकालने के लिए राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया गया है । इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में सबसे पहले साल 2014 में शुरू की गई थी. जिसे धीरे-धीरे पूरे देश के टोल प्लाजाओं पर लागू किया जा रहा है. फास्टैग सिस्टम की मदद से आपको टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के दौरान होने वाली परेशानियों से निजात मिल सकेगी । फास्टैग की मदद से आप टोल प्लाजा में बिना रूके अपना टोल प्लाजा टैक्स दें सकेंगे. आपको बस अपने वाहन पर फास्टैग लगाना होगा । आप ये टैग किसी आधिकारिक टैग जारीकर्ता या सहभागिता बैंक से खरीद सकते हैं ।


फास्टैग कैसे करता है कार्य


वाहन के विंडस्क्रीन में फास्टैग लगाया जाता है और इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) लगा होता है. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आ जाती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन में लगे फास्टैग के संपर्क में आते ही, आपके फास्टैक अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क काट देता है और आप बिना वहां रूके अपना प्लाजा टैक्स का भुगतान कर देते हैं. वाहन में लगा ये टैग, आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना कार्य शुरू कर देगा. वहीं जब आपके फास्टैग अकांउट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा. फास्टैग की वैधता 5 वर्ष तक की होगी यानि पांच वर्ष के बाद आपको नया फास्टैग अपनी गाड़ी पर लगवाना होगा ।


फास्टैग के फायदे


सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के कारण लगने वाली गाड़ियों की लम्बी लाइन और खुले पैसे होने की समस्या को हल करने के लिए फास्टैग सिस्टम को देश के कई टोल प्लाजाओं पर शुरू किया है. फास्टैग की मदद से आपका समय बचने के साथ-साथ आपके पेट्रोल या डीजल की भी बचत होगी. इतना ही नहीं साल 2016-17 के बीच इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को सभी टोल भुगतानों पर 10% का कैशबैक भी मिलेगा. वहीं 2017-2018 के बीच आपको 7.5 %, कैश बैक 2018-2019 के बीच 5 % कैश बैक और 2019-2020 तक 2.5 % कैश बैक मिलेगा. आपका ये कैश बैक एक सप्ताह के भीतर आपके फास्टैग खाते में आ जाएगा । अभी तक फास्टैग केवल भारत के चुनिंदा शहरों के टोल प्लाजा पर ही लागू था. मगर इसके सफल होने के बाद सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा इसे जल्द ही देश के हर टोल प्लाजा पर शुरू करने की कोशिश की जा रही है ।


एसएमएस की होगी सुविधा


जब भी आप फास्टैग लगे वाहन से किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे, तो फास्टैग अकाउंट से आपका शुल्क कटते ही आपके पास एक एसएमएस आ जाएगा. एसएमएस के जरिए आपके फास्टैग अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी ।


इन बैंकों से होगा रिचार्ज


आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस और नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं. फास्टैग खाते में कम से कम 100 रूपए और ज्यादा से ज्यादा एक लाख तक रिचार्ज कराया जा सकता है । आप किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के अंदर आनेवाले टोल प्लाजा और एजेंसी में जाकर अपना फास्टैग स्टीकर और फास्टैग अकाउंट खुलवा सकते हैं. राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट में जाकर आप अपने आसपास के प्वाइंट ऑफ सेल की जगह का पता कर सकते है ।
वहीं अभी पीओएस के अंदर आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ही आते हैं. आने वाले समय में इसके अंदर आईडीएफसी बैंक और एसबीआई बैंक भी जल्द शामिल कर लिए जाएंगे. वहीं आप एसबीआई बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, पेटीएम, करूर व्यास बैंक, एचडीएफसी बैंक के जरिए आप फास्टैग अकांउट को रिचार्ज कर सकते हैं. फास्टैग अकांउट खोलाने के वक्त आपको दिए गए एक फॉम के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों को भी जमा करवाने की आवश्यकता पड़ेगी, जो कि इस प्रकार हैं----


1 वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी)
2 वाहन मालिक के पासपोर्ट तस्वीर
3 वाहन मालिक के केवाईसी दस्तावेज और कोई भी दस्तावेज जिसपर आपके घर का पता हो ।


भारत में कब शुरू हुआ फास्टैग


भारत में ये सिस्टम सबसे पहले अहमदाबाद और मुंबई हाईवे के बीच 2014 में शुरू किया गया था. जुलाई 2015 में इसे चेन्नई-बेंगलुरु टोल प्लाजा पर शुरू किया गया था. अभी तक देश के 332 टोल प्लाजाओं पर इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है. यानी इन टोल प्लाजाओं में आप फास्टैग के जरिए टोल टैक्स का भुगतान कर सकते हैं ।


15 दिसंबर से वाहन पर फास्टैग होगा जरूरी


साल 2019 में 15 दिसंबर के बाद से बिकने वाले सभी प्रकार के चार-पहियां वाहनों पर फास्टैग लगाना अति आवश्यक होगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी गाड़ी निर्माताओं कंपनी और वाहन डीलरों को ये सुनिश्चित करने को कहा है, कि एक दिसंबर से उनसे खरीदे जाने वाले वाहनों पर उसके मालिक द्वारा फास्टैग जरूर लगवाया जाए ।


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