पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जटिल प्रक्रिया को आसान बनाया जायेगा :सतपाल जी महाराज 

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जटिल प्रक्रिया को आसान बनाया जायेगा :सतपाल जी महाराज 



सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो 


देहरादून प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने वन मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत के साथ आज विधानसभा सभा कक्ष में वन एवं पर्यटन महकमें के अधिकारियों की उपस्थिति में एक बैठक के माध्यम से पर्यटन, वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के साथ साथ इन सबके बीच संतुलन स्थापित का प्रयास किया। 
बैठक के पश्चात पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने प्रैस से कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जटिल प्रक्रिया को आसान किया जायेगा तथा पर्यटकों की सुरक्षा को विशेष महत्व दिया जायेगा। उन्होने कहा कि विशेष ट्रैकिंग रूट को पहचान कर पर्यटन ग्लोबल पर लाया जायेगा। गंगोत्री-गोमुख रूट पर जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया जायेगा। श्री महाराज ने कहा कि पर्यटकों को सिंगल विण्डो सिस्टम के आधार पर अनुमति प्रदान किये जाने के लिए कार्य योजना बनायी जायेगी।इस मौके पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्यटन, वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित किया जायेगा।


वन मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड हरित प्रदेश के रूप में जाना जाता है। ईको टूरिज्म पर विशेष ध्यान रखते हुए पर्यटन और वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित किया जायेगा। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रैकिंग रूट के मरम्मत करने की अनुमति प्रदान की जायेगी एवं पर्यटकों से लिए जाने वाली फीस को कम करने के लिए प्रस्ताव लाया जायेगा।
पर्यटन विभाग और वन विभाग पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आपसी समन्वय स्थापित कर सुविधाऐं प्रदान करेंगे। इस सन्दर्भ में मोदी ट्रेल ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ ट्रेल ट्रैकिंग रूट, विवेकानन्द ट्रेल ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ ध्यान गुफा ट्रेल ट्रैकिंग रूट को विकसित करने के सम्बन्ध में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सुविधाऐं प्रदान करने हेतु सिंगल विण्डो सिस्टम के आधार पर अनुमति प्रदान करने के लिए कार्य योजना बनायी जायेगी। इस उद्देश्य से पर्यटक ट्रैक रूट अध्ययन किया जायेगा। अभी तक डीएफओ, डी.एम., एल.आई.यू. एवं वन पंचायत विभाग जैसे विभिन्न स्तरों पर अनुमति प्राप्त की जाती है।
इस अवसर पर अपर सचिव पर्यटन सोनिका, महाप्रबन्धक जी.एम.बी.एन., ईवा आशीष श्रीवास्तव, निदेशक वित्त यूटीडीबीजे. जे.पी.एस.तोमर, निदेशक अवस्थापना यूटीडीबी आर.के. तिवाड़ी, डी.एफ.ओ. केदारनाथ अमित कंवर, पर्यटन विभाग के कमल किशोर जोशी, प्रदीप सिंह नेगी एवं जसपाल चैहान इत्यादि अधिकारी मौजूद थे।
          *-निशीथ सकलानी*


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