जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की सार्थक पहल  :जानें

जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की सार्थक पहल 



सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो


नैनीताल । 10 फरवरी 2020-(सूचना)- जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की सार्थक पहल पर नैनी झील के दीर्घकालिक संरक्षण एवं आन्तरिक प्रोफाईल किये जाने हेतु इसकी अन्र्तजलीय संरचना, जैव विविधिता स्थिति एवं पारिस्थिक तन्त्र, पेयजल शुद्धता का विस्तृत विश्लेषण एवं परीक्षण आईआरएस संस्थान इसरों देहरादून के वैज्ञानिकों के दल द्वारा माह नवम्बर के द्वितीय सप्ताह में किया गया। इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा बैथीमेट्री विश्लेषण कार्य के अन्तर्गत वाटर डेप्थ मैपिंग/लेक बैड प्रोफाईलिंग, झील का विस्तृत जल गुणवत्ता विश्लेषण, पीएच लेवल, डीओ, टीडीएस, क्लोरीन, टर्बिडिटी, सेलेनिटी आदि परीक्षण किये गये। जिलाधिकारी ने बताया कि इन परीक्षणों में इसरो वैज्ञानिकों की टीम द्वारा पहली बार नैनी झील की 78 हजार बिन्दुओं की गहराई मापते हुए काॅन्टूर लेक प्रोफाईल तैयार कर रिपोर्ट दी गयी। उन्होंने बताया कि झील के पानी की गुणवत्ता के आकड़ों को पहली बार जीआईएस प्रोफाईल पर प्रदर्शित करते हुए झील के विभिन्न स्थानों पर पानी की गुणवत्ता का मानचित्रीकरण किया गया। इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे के उपरान्त डाटा उपलब्ध कराया गया, जिसे जिला प्रशासन के जीआईएस सेल द्वारा परिशोधन करके महत्वपूर्ण परिणाम ज्ञात किये गये। 



जिलाधिकारी ने बताया कि झील के काॅन्टूर मैपिंग के अनुसार झील की गहराई न्यूनतम 4 से सात मीटर, अधिकमत 24.6 मीटर प्राप्त हुई तथा औसतन 9 मीटर प्राप्त हुई तथा पानी का टीडीएस 300 से 700 मिली ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुआ जो पानी की अच्छी गुणवत्ता को दर्शाता है। पानी का डीओ अधिकतम 7.5 मिलीग्राम प्रति लीटर व न्यूनतम 6-7 मिली ग्राम प्रतिलीटर मिला। उन्होंने कहा कि इसरो के माध्यम से प्रतिवर्ष मानसून से पहले व मानसून के बाद वर्ष में दो बार झील के पानी का परीक्षण कराया जायेगा। जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि बैथीमेट्री स्टडी परिणामों को यूएनडीपी को उनके द्वारा प्रस्ताव बनाकर भेजा गया। फलस्वरूप यूएन द्वारा झील के पानी की सतत् निगरानी हेतु परियोजना स्वीकृत कर दी गयी है। जिसका अतिशीघ्र क्रियान्वयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी झील का साइंटिफिक एवं प्रामाणिक डाटा उपलब्ध कराये जाने पर यूएन द्वारा भारत में पहली बार किसी झील की स्टडी प्रोजेक्ट लिया गया है। यूएन द्वारा वित्तीय एवं तकनीकी कार्य निःशुल्क किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट लगभग 55 लाख रूपये का होगा, जिसका शीघ्र एमओयू भी किया जायेगा। यूएन द्वारा झील के दोनो छोर (तल्लीताल मल्लीताल) पर जहाॅ पेयजल हेतु पम्प लगे हैं पर वानी की गुणवत्ता की माप हेतु सेंसर लगाये जायेंगे साथ ही जनता को झील के पानी की गुणवत्ता की जानकारी देने हेतु तल्लीताल गाॅधी मूर्ति के पास पानी की गुणवत्ता प्रदर्शित करने के लिए माॅनीटर/एलईडी लगाया जायेगा। जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि इसके बाद एनआईएच से झील के आन्तरिक जल स्त्रोतों का सर्वे भी कराया जायेगा। 


Popular posts from this blog

पृथ्वी मुद्रा: जानिए स्वास्थ्य के लिए इसके फायदे

उत्तराखंड बोर्ड की हाई स्कूल व इंटर की बची परीक्षाओं की तारीख बदली :देखें

विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस l