निर्भया केस के दोषी विनय की अर्जी खारिज
निर्भया केस के दोषी विनय की अर्जी खारिज
सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो
नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषी विनय शर्मा की अर्जी को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से निर्भया के सभी दोषियों को मेडिकल सुविधा मुहैया कराना सुनिश्चित करने को कहा है।
निर्भया के दोषी विनय शर्मा की अर्जी को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि तिहाड़ जेल की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी विनय शर्मा की दिमागी हालत ठीक है। उसके दिमाग का इलाज कराने की जरूरत नहीं है। पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से निर्भया के सभी दोषियों को मेडिकल सुविधा मुहैया कराना सुनिश्चित करने को भी कहा है।
निर्भया के दोषी विनय शर्मा की अर्जी पर सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि दोषी विनय शर्मा ने जेल में अपना सिर फोड़ लिया था। उसके हाथ में भी चोट आई है। डॉक्टर ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। जेल प्रशासन ने कहा कि दोषी विनय का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है। उसका इलाज कोर्ट के मुताबिक ही हुआ है।
जेल प्रशासन ने कहा कि विनय को कोई मानसिक बीमारी नहीं हुई है। जेल के डॉक्टर ने इसकी पुष्टि की है। सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में सवाल उठाया कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह जानकारी क्यों छिपाई? तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि दोषियों का हर दिन चेकअप कराया जा रहा है। तिहाड़ जेल के सुप्रीटेंडेंट की यह जिम्मेदारी है कि दोषियों का मेडिकल चेकअप कराया जाए।सभी दोषियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
दोषी विनय ने दो बार फोन पर बातचीत भी की है। पहली बार अपनी मां से बात की है, जबकि दूसरी बार अपने वकील से। ऐसे में यह कहना कि दोषी विनय अपनी मां को नहीं पहचान रहा है, यह गलत बात है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि वो 17 फरवरी को जेल गए थे। दोषी विनय को 5 लोग मुलाकात कराने लेकर आए थे। तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी नहीं दी। दोषी विनय को सिजोफ्रेनिया की बीमारी है। इस बीमारी में रोगी सामने के लोगों को पहचान नहीं पाता है।
सुनवाई के दौरान एपी सिंह भावुक भी हो गए। इसके बाद जज ने उनसे कहा कि एक गिलास पानी पी लीजिए, तभी एपी सिंह ने कहा कि आपने पानी के लिए पूछा, यह मेरे लिए ग्लूकोज है।
वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि दोषी विनय को कुछ नहीं हुआ है। उसने सिर्फ मामले को लटकाने की कोशिश की थी। 7 साल बाद आज दोषियों को कोर्ट में अपनी पत्नी, बहन और मां की याद आई। वो बच्ची निर्भया भी किसी की बहन-बेटी थी। मैं भी किसी की बेटी और पत्नी हूं। मैं 7 साल से कोर्ट के धक्के खा रही हूं और अभी तक निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं दी गई है।