पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक सम्पन्न हुई
बैठक में मुख्यतः आवारा पशुधन पर रोकथाम, छोटे जानवरों के बर्थ कन्ट्रोल के लिए बन्ध्याकरण, स्लाटर हाउस का मानक के तहत् संचालन करना ।
सेवा भारत टाइम्स ब्यूरो
देहरादून । दिनांक 03 फरवरी 2020, जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यतः आवारा पशुधन पर रोकथाम, छोटे जानवरों के बर्थ कन्ट्रोल के लिए बन्ध्याकरण, स्लाटर हाउस का मानक के तहत् संचालन तथा आवारा पशु, बीमार और दुर्घटना में घायल पशुओं को उपचार के साथ ही जानवरों को बन्ध्याकरण केन्द्र तक लाने व ले जाने (आवागमन) के लिए ट्रांसपोर्टेशन शुल्क इत्यादि पर नगर निगम, पशुपालन विभाग, पशु कल्याण बोर्ड, नगर पालिका और पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
आवारा पशुओं की रोकथाम के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने सिस्टमेटिक एवं स्थायी समाधान के लिए मुख्य पशु चिकित्सक, नगर निगम, नगर पालिकाओं तथा गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों को ग्राउण्ड स्तर की वास्तविक फीडबैक प्राप्त करते हुए आपसी समन्वय से समाधान निकालने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सक को पालतू पशुओं की टैगिंग करने तथा पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की सूचना को स्थानीय पुलिस से साझा करने के निर्देश दिये, जिससे लोग पशुओं को आवारा ना छोड़ सके। साथ ही पुलिस विभाग को भी बिना अनुमति के स्थानान्तरिक किये जाने वाले पशुओं की रोकथाम करने व विशेषकर जनपद के बार्डर क्षेत्र में विशेष निगरानी करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सक को निर्देशित किया कि सम्बन्धित नगर निगम और नगर पालिकाओं के अधिकारियों के साथ 15 दिन के भीतर समन्वय बैठक आयोजित करते हुए पशुओं/जानवरों के ट्रांसपोर्टेशन शुल्क को व्यावहारिक बनाने तथा आवारा पशुधन के रोकथाम हेतु किये जाने वाले विशेष प्रयासों पर चर्चा करते हुए उस पर अमल करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला अभिहीत अधिकारी (फूड सेफ्टी) को स्लाटर हाउस तथा मांस की छोटी-बड़ी दुकानों का मानक के अनुसार संचालन करवाने तथा मानक का उल्लंघन करने वाले स्लाटर हाउस/दुकानों पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही करते हुए अगली बैठक में आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने सामान्य जनमानस को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन करने को कहा। साथ ही जानवरों के बर्थ कन्ट्रोल तथा स्लाटर हाउस का मानक के अनुसार संचालिन करने से सम्बन्ध्ति बिन्दुओं को विकास कार्यो के मासिक समीक्षा बैठक में एजेंडा बिन्दु के तौर पर सम्मिलित करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने विभिन्न उद्देश्यों के लिए क्रय-विक्रय किये जाने वाले डाॅग के सम्बन्ध में पशु चिकित्सक को निर्देशित किया कि विज्ञापन के माध्यम से ऐसे सभी डाॅग का अनिवार्य पंजीकरण करवाने की सूचना देते हुए पंजीकरण के लिए 1 माह का समय दें तथा 1 माह के पश्चात औचक निरीक्षण करें, जिसमें बिना पंजीकरण पाये जाने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने पशु चिकित्सक एवं पशु कल्याण बोर्ड को समिति की नियमित अंतराल पर बैठक आयोजित करने और कार्यों को गम्भीरता से अमलीजामा पहनाते हुए आउटकम बेस्ड परफोरमेंश पर कार्य करने को निर्देशित किया। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने ऋषिकेश-डोईवाला, देहरादून शहर तथा हरबर्टपुर विकासनगर क्षेत्र में बीमार, घायल तथा अन्य कारण से स्थानान्तरित किये जाने वाले पशुओं के लिए 3 पशु वाहन के क्रय का प्रस्ताव देने और उसके संचालन के सम्बन्ध में आख्या प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सक डाॅ एस बी पाण्डेय, पशु कल्याण बोर्ड से डाॅ आशुतोष, नगर निगम देहरादून व ऋषिकेश के साथ ही जनपद की नगर पालिकाओं के सम्बन्धित अधिकारी और कार्मिक सहित गैर सरकारी संगठनों के सदस्य उपस्थित थे।